उसने कहा
मैं जा रही हूं
हमेशा-हमेशा के लिए
तुमसे दूर
बस, जो बचे हैं पल
वो गुजार लो
हंसी-खुशी
मेरे संग
क्या-खोया
क्या-पाया
इसका हिसाब
लगा लेना
कल
अभी तो हूं मैं तुम्हारे
और तुम मेरे साथ
सुनो,
जब मैं चली जाऊंगी
तुम उदास मत होना
रोना भी मत
न घंटों बैठ कर
डूबते सूरज को निहारने में
अपना वक्त बरबाद करना
अगली सुबह
तुम उठना
एक नई ऊर्जा के साथ
एक नये कल की शुरुआत के लिए
अच्छा अलविदा
मेरे हमदम
जाती हुई
2009 की आखिरी शाम
का आखिरी सलाम।
'हैप्पी न्यू इयरÓ
3 comments:
बढ़िया रचना प्रेषित की है।बधाई।
आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
नवल धवल सूरज से आलोकित हो घर आँगन परिवार,
नूतन वर्ष २०१० की आपको अशेष शुभकामनायें अपार,
बेहतरीन!!
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
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