Sunday, December 7, 2008

बस नाम बदलने हैं

आज राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम आ जायेंगे, दो चार दिन मैं सरकार भी बन जायेगी, लेकिन होगा क्या, कुछ भी नही, वही पुराने चावल होंगे, ये जरूर है कि कुछ दाने नए हों, लेकिन उससे फर्क क्या पड़ेगा स्वाद मैं, मंत्री तो वरिष्ठ ही बनेंगे, नयों को मोका मिलेगा तो वो भी अपने बड़ों के पदचिन्हों पर ही चलेंगे, ऐसे मैं क्या उम्मीद कि जा सकती है, नयेपन की, राज्य मैं बीजेपी आयी तो सेण्टर के माथे सारे कांड, कांग्रेस आयी तो वो ही पुराना जुमला पिछली सरकार ऐसा बिगाड़ गयी है सुधरने मैं तो वक़्त लगेगा ही,
कुछ नही बदलने वाला है दोस्त, तुम चाहे कितना ही चाहलो, बदलना भी चाहो तो आप्शन नही है मेरे दोस्त, चुनना तो उनमें से ही है न जो चुनाव लड़ रहे हैं,
शिवराज गूजर

2 comments:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

सौ बात की एक बात। रूप, रंगत, आकार, प्रकार भले ही बदल जाए, तासीर तो वही रहेगी।

W.V. hataa lein.

दिनेशराय द्विवेदी said...

हमें पहले खुद से बदलना पड़ेगा।

ये वर्ड वेरीफिकेशन तो हटा दें, टिप्पणी करने में परेशानी है।

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