Sunday, March 29, 2009

कवि भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाओं की सीडी का लोकार्पण

जयपुर. देश के ख्यातनाम कवि भवानी प्रसाद मिश्र की जयंती रविवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित प्रोढ शिक्षा समिति के सभागार में मनाई गई। इस मोके पर पदमश्री पंडित विश्व मोहन भट्ट एवं कवि नंदकिशोर आचार्य ने मिश्र की रचनाओँ की सीडी का लोकार्पण किया. मिश्र की रचनाओं को संगीत उनके बेटे अमिताभ मिश्र ने दिया है. कार्यक्रम के दौरान यह सीडी चलाकर उसका रसास्वादन सभागार में मौजूद संगीत रसिकों को कराया गया.
रचना सुनी, धुन बनाईं और गवा भी दिया
पदमश्री पंडित विश्व मोहन भट्ट ने मिश्र की रचना ' चलो गीत गाओ' को सीडी पर सुना तो उन्हें यह रचना इतनी पसंद आई कि उन्होंने उसी समय अपनी तरफ से इसको संगीतबद्ध किया। यही नहीं सभागार में मौजूद जानी- मानी शास्त्रीय गायिका प्रो. सुमन यादव के साथ उन्होंने इसे गाया भी. इस तरह अपने आप में अनूठी स्वरांजलि कवि भवानी प्रसाद मिश्र को दी गयी.
राजेंद्र बोड़ा ने पढ़कर सुनाया मिश्र का गीत
पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने कवि कवि भवानी प्रसाद मिश्र के गीत 'मै गीत बेचता हूँ' को पढ़कर सुनाया . बोड़ा के गीत को सुनाने का अंदाज़ संगीत रसिकों को बहुत भाया और सबने इसकी मुक्त कंठ से प्रंशंसा की. उन्होंने मिश्र की एक और कविता का भी पाठ किया.
अब तक का सबसे अच्छा कार्यक्रम: नंदिता
कवि नन्द किशोर आचार्य से पिता की स्मृतियाँ सुनकर समारोह में उपस्थित उनकी पुत्री नंदिता भावुक हो गयीं। वो खड़ी हुईं और बस इतना ही कह पाई कि उनके पिता कि स्मृति में हुए अब तक के कार्यक्रमों में यह सबसे अच्छा है. मुझे बहुत अच्छा लगा कि मैं इसका हिस्सा बनी.

8 comments:

Rajendra said...

भवानी भाई केवल मध्य प्रदेश के ही नहीं समूचे देश के थे. उनकी कविता जीवन के अनुभवों से उतरी थी. उनकी जयंती पर जयपुर में यह उन्हें याद करने का एक विनम्र प्रयास था. आपने अपने ब्लॉग पर इस कार्यक्रम के बारे में लिखा वह स्तुत्य है. शुक्रिया.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

साहिति्यक गतिविधियों का प्रकाशन
होना ही चाहिए।
आप अच्छा कार्य कर रहे हैं।
बधायी स्वीकार करें।

shivraj gujar said...

शुक्रिया मयंक जी, आपका प्रोत्साहन हमेशा मिलता रहेगा. इसी उम्मीद के साथ.

shivraj gujar said...

शुक्रिया बोडाजी जी, आपका आशीर्वाद और प्रोत्साहन हमेशा मिलता रहेगा. इसी उम्मीद के साथ.

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

हम लोग कार्यक्रम में तो नहीं पहुंचा सके, पर आपने ब्लाग के जरिए इस अनूठे कार्यक्रम की जानकारी हम तक पहुंचायी इसके लिए शुक्रिया

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...
This comment has been removed by the author.
विधुल्लता said...

भाई गुजर जी ...भवानी जी परम आदरणीय हैं मुझे व्यक्तिगत तौर पर भी pasand hain ....उनकी कवितायें का कोई सानी नही है आपने जानकारी दी धन्यवाद

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