मंदी की मार सबसे ज्यादा पड़ी है प्राइवेट कम्पनियों के कर्मचारियों पर, रातों की नींद उड़ गयी है, रात की पारी मैं काम करने वाले तो खेर पहले भी रात को नही सो पाते थे, लेकिन ये जगराता उससे अलग है, हर समय छंटनी की तलवार सर पर लिए काम करना, कुछ कम हिम्मत का काम नही है भाई, मेरे एक कार्टूनिस्ट दोस्त ने उनका दर्द कुछ इस तरह से व्यक्त किया,
शिवराज गूजर
7 comments:
bahut sateek joradar vyangy hai.
kripya Ward verification hatane ka kasht kare.
ये तो डाक्टर ज्योतिषी भी है।
bilkul sahi pechaane Dr saahib... :P
जीवन के सच को प्रभावशाली तरीके से शब्दबद्ध िकया है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है -आत्मिवश्वास के सहारे जीतें िजंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
mahendraji,dvivediji, hemjyotsnaji,dr ashok priyaranjan aapka bahut bahut shukriya. aap mere blog par aaye. mera utsah badaya.
shivraj gujar
yeh chinta swbhavik hai.
www.janadesh.in
sahi pechaana Dr saahib ne
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