Saturday, February 21, 2009

मैं ऐसा क्यों हूँ?

मैं
क्यों बदल लेता हूँ भावना
किसी के प्रति/ एक क्षण मैं
किसी के एक कथन
एक कृत्य पर ।
क्यों भुला देता हूँ
उसके पिछले अच्छे काम को ।
क्यों डांप लेता हूँ
उसकी निष्ठा को
एक भूल पर ।
क्यों नही सोचता
क्यों किया होगा उसने ऐसा
क्या मजबूरी थी उसकी ।
लालच मैं तो किया न होगा
उसने यह कृत्य ।
यही गर करना होता उसे
तो कर चुका होता बहुत पहले ।
मोके क्या कम मिले होंगे उसको
मैंने तो छोड़ रखा था
ख़ुद को उसी के हवाले ।
फिर क्यों हुआ ऐसा ?
क्यों वो मेरा
आज पराया हो गया ।
मुझसे कोई भूल हुई है
या फिर मजबूरी है कोई उसकी ।
मुझे जानना होगा यह
और साथ देना होगा
ऐसे वक्त मैं उसका
ताकि वह हताश न हो
ख़ुद को समझ कर अकेला ।
उबर सके इस हादसे से
फिर आ सके उसी राह
जिस पर उसने पहला कदम रखा था
विश्वाश और प्रेम का ।
शिवराज गूजर

7 comments:

MANVINDER BHIMBER said...

मुझे जानना होगा यह
और साथ देना होगा
ऐसे वक्त मैं उसका
ताकि वह हताश न हो
ख़ुद को समझ कर अकेला ।
उबर सके इस हादसे से
फिर आ सके उसी राह
जिस पर उसने पहला कदम रखा था
विश्वाश और प्रेम का ।
आप हमेशा ही अच्छा लिखते हैं ...बधाई

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा भाव!

विधुल्लता said...

क्यों वो मेरा आज पराया हो गया । मुझसे कोई भूल हुई है या फिर मजबूरी है कोई उसकी । मुझे जानना होगा यह और साथ देना होगा ऐसे वक्त मैं उसका ताकि वह हताश न हो ......आप की लेखनी की सरलता मन मोहती है.....बधाई

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

आपकी कविताएं दिन ब दिन निखरती जा रही हैं बधाई

हरकीरत ' हीर' said...

मुझे जानना होगा यह
और साथ देना होगा
ऐसे वक्त मैं उसका
ताकि वह हताश न हो
ख़ुद को समझ कर अकेला ।
उबर सके इस हादसे से
फिर आ सके उसी राह
जिस पर उसने पहला कदम रखा था
विश्वाश और प्रेम का ....

Bhot sunder bhav hai isi tarah visvas bnaye rakhen...!!

हरकीरत ' हीर' said...

मुझे जानना होगा यह
और साथ देना होगा
ऐसे वक्त मैं उसका
ताकि वह हताश न हो
ख़ुद को समझ कर अकेला ।
उबर सके इस हादसे से
फिर आ सके उसी राह
जिस पर उसने पहला कदम रखा था
विश्वाश और प्रेम का ....

Bhot sunder bhav hai isi tarah visvas bnaye rakhen...!!

हरकीरत ' हीर' said...

मुझे जानना होगा यह
और साथ देना होगा
ऐसे वक्त मैं उसका
ताकि वह हताश न हो
ख़ुद को समझ कर अकेला ।
उबर सके इस हादसे से
फिर आ सके उसी राह
जिस पर उसने पहला कदम रखा था
विश्वाश और प्रेम का ....

Bhot sunder bhav hai isi tarah visvas bnaye rakhen...!!

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